अल्मोड़ा जिला:
- जिले का गठन – 1891
- मुख्यालय – अल्मोड़ा शहर
- क्षेत्रफल – 3,144 Sq. Km है
- जनसंख्या – 622,506 है
- तहसील 11 : अल्मोड़ा, भिकियासैण, रानीखेत, धौलाछिना, स्यालदे, जैती, भनौली, द्वाराहाट, सोमेश्वर, चौखुटिया, सल्ट
- विकासखंड 11 : ताड़ीखेत, भिकियासैण, लमगडा, धौलादेवी, स्यालदे, भैसियाछाना, हवालबाग, द्वाराहाट, ताकुला, चौखुटिया, सल्ट
- विधानसभा क्षेत्र 06 : अल्मोड़ा, द्वाराहाट, जागेश्वर, रानीखेत, सल्ट, सोमेश्वर
- सोमेश्वर विधानसभा क्षेत्र आरक्षित है
परिचय :
ऐतिहासिक विरासतों और धार्मिक स्थलों के साथ-साथ नैसर्गिक प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्व प्रसिद्ध अल्मोड़ा जिला (Almora District) उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में स्थित है। मानसखंड में अल्मोड़ा को काषाय् पर्वत के नाम से वर्णित किया गया है। यह तीन ओर से कोसी और सुयाल नदियों की गहरी घाटियों से घिरा एक प्राकृतिक दुर्ग है।
प्राचीन काल से ही अल्मोड़ा का धार्मिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक और ऐतिहासिक महत्व रहा है। हरे-भरे सुंदर जंगलों से घिरा अल्मोड़ा समुद्र तल से 1651 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चारों तरफ छायी हरियाली, सुंदर पहाड़ों के बीच से गुजरती नदियां, कलरव करते तरह-तरह के पक्षियों की ध्वनि यहाँ पर आये किसी भी इंसान को मंत्रमुग्ध करने के लिए काफी होती है।
जहां एक और अल्मोड़ा ऐतिहासिक और पौराणिक धरोहरों को अपने में सहेजे हुए है, वही दूसरी और यह जिला आधुनिकता के साथ निरंतर विकास की ओर अग्रसर है। यह जिला जितना आधुनिक और विकसित है उतना ही रोचक यहाँ का इतिहास भी है। अल्मोड़ा जिले के बारे में जानने से पहले एक नजर डालते हैं यहॉं के इतिहास पर…
अल्मोड़ा जिले का इतिहास:
चंदवंशीय राजाओं की राजधानी
पौराणिक ग्रंथों में कुर्मांचल (कुमाऊं) क्षेत्र मानसखंड के रूप में वर्णित है। चंद राजाओं के शासन काल में मानसखंड का नाम (कुर्मांचल) कुमाऊं के नाम से प्रचलित हुआ था। इतिहास के अनुसार अल्मोड़ा चंदवंशीय राजाओं की राजधानी थी। कुमाऊं क्षेत्र पर चंद राजाओं का शासन काल कत्यूरी शासन काल के बाद से प्रारंभ होकर सन 1790 तक रहा। जिसके बाद 1790 में नेपाल की गोरखा सेना में कुमाऊं पर आक्रमण कर कुमाऊं को अपने अधीन कर लिया था।
1814 में अंग्रेजों ने गोरखाओं को हराकर सुगौली संधि के तहत कुमाऊं और पूर्व गढ़वाल को ब्रिटिश साम्राज्य शामिल कर लिया और पश्चिम गढ़वाल तत्कालीन राजा सुदर्शन शाह को दे दिया जिसमें उन्होंने टिहरी रियासत की स्थापना की। ब्रिटिश शासित उत्तराखंड क्षेत्र 2 जिलों में विभाजित था कुमाऊं तथा तराई। कुमाऊं क्षेत्र का मुख्यालय अल्मोड़ा में था जबकि तराई क्षेत्र का मुख्यालय काशीपुर में स्थापित किया गया।
अल्मोड़ा ज़िले का गठन :
ब्रिटिश शासनकाल में कई जिलों और मुख्यालयों की स्थापना और परिसीमन का दौर लगातार चलता रहा। 1837 में कुमाऊँ से अलग कर गढ़वाल ज़िले का गठन किया गया। पौड़ी को गढ़वाल ज़िले का मुख्यालय बनाया गया। 1891 में अल्मोड़ा से अलग कर एक नए ज़िले नैनीताल का गठन किया गया। कुमाऊँ ज़िले का नाम यहाँ के मुख्यालय के नाम से अल्मोड़ा रखा गया।
अल्मोड़ा जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से काफी बड़ा था इसलिए आज़ादी के बाद भी ज़िले का परिसीमन किया गया। 24 फ़रवरी 1960 को अल्मोड़ा से अलग कर पिथौरागढ़ और 15 सितम्बर 1997 को बागेश्वर ज़िले का सृजन किया गया। इस तरह से आधुनिक अल्मोड़ा जिला अस्तित्व में आया।
आधुनिक अल्मोड़ा:
आधुनिक अल्मोड़ा हरे-भरे सुंदर जंगलों से घिरा समुद्र तल से 1651 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कुमाऊं क्षेत्र में अल्मोड़ा का व्यवसायिक दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। कई तरह के हथकरघा उद्योग, धार्मिक स्थलों के लिये विश्व प्रसिद्द अल्मोड़ा यहां के तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए जाना जाता है।
अल्मोड़ा जिले का मुख्यालय अल्मोड़ा नगर में स्थित है। जिले के कई मुख्य संस्थान, स्कूल, कॉलेज और कार्यालय यहाँ पर स्थित हैं। यहां पर कई बड़े-बड़े शॉपिंग सेंटर, शोरूम, रेस्टोरेंट, होटल और मॉल मौजूद हैं। अल्मोड़ा आने वाले पर्यटकों को यहाँ पर सभी आधुनिक सुविधाएं आसानी से प्राप्त होती हैं।
प्रमुख पर्यटन स्थल:
उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों अल्मोड़ा ज़िले का काफ़ी महत्व है। हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक अल्मोड़ा घूमने आते हैं। मनमोहक प्राकृतिक दृश्य, कई सुंदर घाटियां हरे भरे वन, तरह-तरह के जीव जंतु और वनस्पतियों को आप अल्मोड़ा में भ्रमण के दौरान आसानी से देख सकते हैं।
रानीखेत, कौसानी, नंदा देवी मंदिर, चितई गोलू मंदिर, जागेश्वर मंदिर, कसार देवी मंदिर और कटारमल सूर्य मंदिर यहां के कुछ प्रमुख पर्यटन और धार्मिक केंद्र है।
यहां स्थित कसार देवी मंदिर के बारे में मान्यता है इस स्थान पर स्वामी विवेकानंद ने तपस्या की थी। इसी इसी स्थान पर तपस्या करते हुए ही उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। जिले मे ही स्थित विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम के बारे में भी ऐसी ही एक मान्यता प्रचलित है। माना जाता है कि जागेश्वर धाम मंदिर से ही भगवान भोलेनाथ की लिंग रूप में पूजा का प्रचलन प्रारंभ हुआ था।
अल्मोड़ा में कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन प्रचलित हैं और इन्ही में शामिल है अल्मोड़ा की मशहूर बाल मिठाई। यह भुने हुए खोये पर चीनी की सफेद गेंदों के लेप द्वारा बनायी जाती है। इसके अलावा यहां की सिंगोड़ी, चॉकलेट, पेड़े आदि मिठाइयों को भी काफी लोकप्रिय हैं।
जनसांख्यिकी एवं अन्य जानकारी
जिला : अल्मोड़ा | क्षेत्रफल : 3,144 Sq. Km |
मुख्यालय : अल्मोड़ा | जनसंख्या : 622,506 |
तहसील : 11 | पुरुष : 291,081 |
विकास खंड: 11 | महिला : 331,425 |
विधानसभा क्षेत्र : 06 | जनसंख्या घनत्व : 198 |
वेबसाइट : https://almora.nic.in/ | लिंगानुपात : 1139 |