पिथौरागढ़ जिला
पिथौरागढ़ उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल का एक सीमांत जिला है। हिमालय की गोद में स्थित पिथौरागढ़ ज़िला प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता का एक अनूठा संगम है जो अनायास ही सभी को अपनी ओर आकर्षित कर ही लेती है। यहाँ बर्फीले पर्वत से लेकर हरे-भरे सुंदर वन, झरने, तालाब अनेकों छोटे बड़े मंदिर और धार्मिक स्थल आध्यात्मिक शांति और आनंद का अनुभव कराते हैं।
जिले की सीमायें उत्तर में तिब्बत, पूर्व में नेपाल, दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व में अल्मोड़ा, एवं उत्तर-पश्चिम में चमोली ज़िले से मिलती हैं। जिले की उत्तरी और पूर्वी सीमाएं अंतरराष्ट्रीय होने के कारण सुरक्षा और सामरिक दृष्टि से भी यह ज़िला भारत का एक महत्वपूर्ण ज़िला है। जिले का मुख्यालय पिथौरागढ़ नगर में है।
पिथौरागढ़ को पूर्व ‘सोर घाटी’ के नाम से भी जाना जाता है। ‘सोर’ का अर्थ सरोवर माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि पूर्व में हिमालय की तलहटी में होने के कारण यहां पर सात सरोवर थे जिनका पानी धीरे-धीरे सूखता चला गया, और इस स्थान का निर्माण हुआ। पिथौरागढ़ नगर के निकट एक गांव में मछलियों और घोंघों के जीवाश्म पाए गए जिससे इंगित होता है कि पिथौरागढ़ का क्षेत्र हिमालय के निर्माण से पहल एक विशाल झील रहा होगा
ऐसे पड़ा पिथौरागढ़ नाम
ऐसा माना जाता है की इस क्षेत्र का नाम यह के राजा ‘पृथ्वी शाही’ के नाम पर पिथौरागढ़ पड़ा। पृथ्वी शाही को लोग ‘पिथौरा’ के नाम से भी जानते थे। पृथ्वी शाही (पृथ्वी गोसाईं) एक पराक्रमी राजा थे। उन्होंने नेपाल और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों के राजाओं को हराकर इन सभी क्षेत्रों को भी अपने राज्य मिला लिया। उन्होंने अपने साम्राज्य को मजबूत करने के लिए इस स्थान पर एक किला बनवाया। राजा ‘पृथ्वी शाही’ (पिथौरा शाही) का क़िला यहाँ पर स्थित होने के कारण इस स्थान को ‘पृथ्वीगढ़’ पिथौरागढ़ के नाम से जाना जाने लगा। कालांतर में यह स्थान पिथौरागढ़ के नाम से ही सुप्रसिद्ध हो गया।
पिथौरागढ़ जिले का सृजन
आजादी के पश्चात पिथौरागढ़ तत्कालीन अल्मोड़ा जिले का एक तहसील हुआ करता था। 24 फरवरी 1960 को अल्मोड़ा जिले से पिथौरागढ़ को अलग कर नये जिले का सृजन किया गया। जिसमें पिथौरागढ़ शहर में मुख्यालय के साथ अन्य अत्यधिक सीमावर्ती इलाके शामिल थे। इसके बाद सन 1997 में पिथौरागढ़ जिले से एक और नये जिले ‘चंपावत’ का सृजन हुआ।
पिथौरागढ़ (सोर घाटी) अपने- अप्रतिम प्राकृतिक खूबशूरती के लिए प्रसिद्ध है। संपूर्ण जनपद पर्वत और घाटियों में विभक्त है। इसके उत्तर-पूर्व में चीन है दक्षिण-पूर्व में नेपाल, दक्षिण में चंपावत जिला, दक्षिण-पश्चिम में अल्मोड़ा जिला और पश्चिम में बागेश्वर जिला स्थित है।
पर्यटन स्थल
हिमालय की गोद में स्थित होने और यहां की असीम प्राकृतिक सुंदरता के कारण पिथौरागढ़ जिले को छोटा कश्मीर के नाम से भी जाना जाता है। पर्यटन के शौकीन लोगों के लिए पिथौरागढ़ जिला दुनिया के सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं : डीडीहाट, जौलजीबी, मुनस्यारी, छोटा कैलाश, पाताल भुवनेश्वर, गंगोलीहाट, अस्कोट सेंचुरी, नारायण स्वामी आश्रम, चौकड़ी आदि।
जिले का निकटतम हवाई अड्डा नैनी सैनी हवाई अड्डा पिथौरागढ़ है। सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर रेलवे स्टेशन है
जनसांख्यिकी एवं अन्य जानकारी
जिला : पिथौरागढ़ | क्षेत्रफल : 7,090 Sq. Km |
मुख्यालय : पिथौरागढ़ | जनसंख्या : 483,439 |
तहसील : 13 | पुरुष : 239,306 |
विकास खंड: 08 | महिला : 244,133 |
पुलिस स्टेशन : 16 | जनसंख्या घनत्व : 68 |
विधानसभा क्षेत्र : 04 | वेबसाइट : https://pithoragarh.nic.in/ |